क्या आपको कभी ट्रैफिक पुलिस ने रोका है? ज़्यादातर लोगों को ने यह अनुभव किया है। ट्रैफिक पुलिस सड़क पर यातायात के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करती है और यातायात नियमों को लागू करती है। वे अक्सर विभिन्न स्थानों पर जाँच करते हैं और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों का चालान काटते हैं। अगर आपको ट्रैफिक पुलिस ने रोका है तो आपके पास क्या अधिकार हैं, यहाँ बताया गया है।
पहचान पत्र:
अगर ट्रैफिक पुलिस आपकी गाड़ी रोकती है, तो आप उनसे पहचान पत्र दिखाने के लिए कह सकते हैं, अगर उन्होंने पहचान पत्र नहीं पहना है। अगर वे अपनी पहचान पत्र दिखाने से मना करते हैं, तो आप अपनी कार के दस्तावेज़ दिखाने से मना कर सकते हैं।
ड्राइविंग लाइसेंस:
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 130 के अनुसार, यदि आपसे पूछा जाए तो आपको अपना ड्राइविंग लाइसेंस दिखाना होगा। हालाँकि, यदि आप नहीं चाहते हैं तो आप इसे अधिकारी को सौंपने से इनकार कर सकते हैं।
दस्तावेज़ जब्ती के लिए रसीद:
यदि ट्रैफ़िक पुलिस आपका ड्राइविंग लाइसेंस, कार बीमा या अन्य दस्तावेज़ लेती है, तो रसीद मांगें। पुलिस को किसी भी जब्त किए गए दस्तावेज़ के लिए रसीद जारी करनी चाहिए।
टोइंग पर आपत्ति:
अगर कार में कोई है, तो आप उसे टो किए जाने पर आपत्ति कर सकते हैं। पुलिस किसी व्यक्ति के साथ कार को टो नहीं कर सकती।
उत्पीड़न का मामला:
अगर आपको ट्रैफिक पुलिस द्वारा अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है, तो आप अधिकारियों से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ऐसा करना आपके अधिकार में है।
चालान:
यदि यातायात अधिकारी के पास ई-चालान जनरेटर या सरकार द्वारा जारी वैध चालान बुक नहीं है तो आप चालान देने से इनकार कर सकते हैं।
बल प्रयोग:
आपको अपने वाहन में रहने का अधिकार है। यातायात पुलिस आपको जबरदस्ती कार से बाहर नहीं निकाल सकती या इग्निशन से आपकी चाबी नहीं निकाल सकती।