भारत में पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल भरवाते वक्त तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर पेट्रोल की चोरी की जाती थी। पिछले कुछ वर्षों में पेट्रोल की चोरी की मात्रा बहुत बढ़ गई है, तब पेट्रोल चोरी को रोकने के लिए कई विकल्पों की कोशिश की गई थी। अंतिम चरण में पेट्रोल चोरी रोकने के लिए डिजिटल मीटर का उपयोग किया गया था, आज भी डिजिटल मीटर के माध्यम से पेट्रोल भरा जाता है, लेकिन इन मीटरों में भी पेट्रोल भरने वाले गडबड कर रहे हैं।
लोग एक निश्चित मात्रा जैसे 100, 200, 500 में पेट्रोल भरवाते है और फिर उसी नंबर का पेट्रोल भरवाने पर पेट्रोल अपने आप 1 रुपये या 2 रुपये कम डाला जाता है, लोगों के बीच ऐसी चर्चा होने लगी। फिर लोग 100 रुपये पेट्रोल भरने के बजाय 110 रुपये या 90 रुपये पेट्रोल भरने लगे।
क्या है सच्चाई :-
पहले की पुरानी मशीनों में चोरी की संभावना रहती थी, लेकिन मौजूदा मीटरों में किसी तरह की चोरी नहीं हो सकती है दरअसल पेट्रोल पंप पर मशीन से ऐसी छेड़छाड़ करना मुमकिन नहीं है। ये मशीनें ऐसे सॉफ्टवेयर से जुड़ी हुई होती हैं जिनकी निगरानी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम जैसी कंपनियां करती हैं।