Petrol Pump Fraud : पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाते समय अनेक लोगो को पता नहीं चलता की, उनको फसाया गया है। पहले टाईम में मतलब जब डिजिटल मीटर नही थे, तब पेट्रोल पंप पर कार्यरत कर्मी आराम से लोगो ठ्गते थे और लोगो को उसकी भनक तक नहीं लगती थी। अब डिजिटल मीटर आये है, तो लोगो को लगता है की, हमको कोई फसा नहीं सकता। लेकीन आपको पता नहीं चलेगा की कब आपको ठगा गया है।
जब जब आप पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाने जाते हो तो अपने देखा होगा की, पेट्रोल पंप पर कार्यरत कर्मी आपस में कुछ वादग्रस्त या राजकीय बात कर रहे होते है। या तो फिर एक दुसरे की मजाक उडा रहे होते है। क्या आपने सोचा है की हमेशा ऐसे क्यू होता है की, यह कर्मी आपके साथ भी एकदम घरेलू तरीके से बात करते है?
आपको बातो में उलझाकर आपका ध्यान दुसरी तरफ आकर्षित कर के वह आपको ठगते है। अगर आप 500 का पेट्रोल डलवाना चाहते है और वहा के कर्मी आपको बात में उलझाकर मीटर क्लीयर किये बिना ही पेट्रोल भरना शुरू कर दिया। मान लीजिये मीटर में पहले से ही 30 रूपये दर्ज थे। ऐसे में जल्द ही मीटर पर 50-100 रूपये दिखने लगते हैं, लेकिन आपकी बाइक की टंकी में सिर्फ 470 रूपये का पेट्रोल गया।
ऐसे ठगी के मामले कई बार सामने आते हैं। ये पेट्रोल पंप पर ठगी का सबसे आसान तरीका है और अक्सर कई लोग इसका शिकार होते हैं।
ऐसे बचे :-
१) पेट्रोल या डिजल भराते समय हमेशा मीटर पर नजर डालें और डिजिटल मीटर में जीरो दिखा रहा है या नहीं, यह देखना महत्वपूर्ण है। फ्युयल भरते समय पूरे वक्त मीटर पर नजर रखें।
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2) मान लीजिए आप 1500 रुपये का पेट्रोल भरवा रहे हैं। इस दौरान पेट्रोल भरने वाला 500 रुपये का ईंधन भर कर रुक जाता है। फिर आप उसे याद दिलाते हैं कि 1000 रुपये का और पेट्रोल भरे। इस पर वह मशीन रीसेट करने का बहाना करता है, लेकिन आपका थोड़ा ध्यान हटा और वह रीसेट करने की बजाय 500 के ऊपर ही पेट्रोल भरना शुरू करता है।
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