GST : जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक के बाद देश में कार ग्राहकों को बड़ा झटका लगा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने काउंसिल की बैठक में देश भर में मल्टी यूटिलिटी वाहनों (एमयूवी) पर 22% उपकर लगाने की सिफारिश पर सहमति व्यक्त की। मल्टी यूटिलिटी वाहनों (एमयूवी) पर कर का बोझ अब बढ़ जाएगा, क्योंकि वस्तु एवं सेवा कर परिषद ने स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (एसयूवी) के बराबर उन पर 22% कंपनसेशन सेस लगाने को मंजूरी दी है।
परिषद ने अपनी 50वीं बैठक में निर्णय लिया कि लंबाई और इंजन मानदंडों को पूरा करने वाले एमयूवी पर कंपनसेशन सेस 20% से बढ़ाकर 22 % कर दिया गया है। कंपनियों पर टैक्स का बोझ 2% बढ़ जाएगा। काउंसिल ने सभी तरह के यूटिलिटी वाहनों पर यह ‘सेस’ लगाने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि एसयूवी की तरह एमयूवी पर भी 22% ‘सेस’ लगेगा। इसके बाद अब देशभर में मारुति सुजुकी इनव्हिक्टो , टोयोटा इनोवा, मारुति एर्टिगा , किआ करेन जैसी बड़ी गाड़ियों की कीमतें महंगी हो सकती हैं। यह सेस 28% जीएसटी के अतिरिक्त लगाया गया है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्पष्ट किया कि, इसमें सेडान कारें शामिल नहीं हैं। समिति ने स्पष्ट किया था कि, सेडान कारों को एमयूवी कारों में शामिल नहीं किया जाएगा, इसलिए सेस बढ़ने से उनकी कीमत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इससे पहले भी सरकार ने एसयूवी वाहनों की परिभाषा स्पष्ट की थी। ऑटोमोबाइल पर 28% जीएसटी लगाया जाता है, जिसमें वाहन के प्रकार के आधार पर 1% से 22% तक कंपनसेशन सेस होता है।
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एसयूवी पर 22 % कंपनसेशन सेस के साथ 28% की दर से सबसे ज्यादा जीएसटी लगता है। जिन कारों की लंबाई 4 मीटर से अधिक है, जिनमें 1500 सीसी से अधिक क्षमता वाला इंजन इस्तेमाल किया गया है और 170 मिमी से अधिक का ग्राउंड क्लीयरेंस है, उन पर 22 % कंपनसेशन सेस लगेगा।
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