Bombay High Court Verdict : हम में से कई लोग कारों का इस्तेमाल करते हैं। कार बीमा सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है। कार खरीदने के बाद हर साल बीमा निकलवा लिया जाता है, क्योंकि अगर यात्रा के दौरान आपके या कार के साथ कोई दुर्घटना होती है तो उसकी भरपाई की जानी चाहिए। हालांकि, ऐसे कई मामले हुये हैं, जहां बीमा कंपनियां हमें क्लेम नहीं देती हैं। तो फिर हम क्या करें? तो हम कुछ नहीं करते… सिर्फ दुसरी कंपनी बिमा लेते है … लेकिन एक आदमी के परिवार ने लगातार 10 साल तक इन्शुरन्स कंपनी के साथ लड़ाई लड़ी और आखिरकार नतीजा सामने आया। तो चलिए अब हम इस पूरे टॉपिक को संक्षेप में जानते हैं।
तारीख थी 25 अक्टूबर 2010… पुणे के मकरंद पटवर्धन काम के सिलसिले में कार से मुंबई के लिए निकले थे। इसी बीच अचानक कार का टायर फटने की आवाज आई और इससे पहले कि मकरंद कुछ समझ पाता, कार अनियंत्रित हो गई और दुर्भाग्य से इस हादसे में मकरंद की जान चली गई। अब इस घटना से उनका परिवार पूरी तरह से सदमे में गया। घर का इकलौता बेटा चला गया था। अब उनके परिवार ने बीमा कंपनी से मुआवजा मांगा। न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने मुआवज़ा देने से इनकार कर दिया और इस घटना को ‘ईश्वर का कार्य’ मतलब ‘एक्ट ऑफ गॉड’ बताया। ‘ईश्वर का कार्य’ मतलब जिसमे मानव का कोई हस्तक्षेप नही है।
जब मकरंद की मृत्यु हुई, तब उनका वेतन 60 हजार रुपये था। उनके परिवार में उनकी पत्नी (34), बेटी (7), पिता (70) और मां (65) हैं। परिवार ने वेतन के एवज में मुआवजे की मांग की तो कंपनी ने इनकार कर दिया। फिर मामला कोर्ट में गया। और इस मामले का फैसला इसी महीने आया है।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुआवजे के खिलाफ एक बीमा कंपनी की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ‘टायर फटना दैवीय घटना नहीं, बल्कि मानवीय लापरवाही है.’ न्यायमूर्ति एस जी डिगे की एकल पीठ ने 17 फरवरी के अपने आदेश में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के 2016 के फैसले के खिलाफ ‘न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड’ की अपील खारिज कर दी। हाई कोर्ट ने कहा कि केवल टायर फटने को ईश्वरीय कृत्य कहना बीमा कंपनी को मुआवजा देने से बरी करने का आधार नहीं हो सकता। न्यायाधिकरण ने इस बीमा कंपनी को मकरंद पटवर्धन के परिवार को 1.25 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
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टायर फटने के बहोत से कारण :-
ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट किया कि टायर के फटने को एक्ट ऑफ गॉड नहीं कहा जा सकता है और यह मानवीय लापरवाही का काम है. साथ ही कहा गया है कि टायर फटने के कई कारण हो सकते हैं जैसे तेज रफ्तार, कम हवा, जरूरत से ज्यादा हवा या सेकेंड हैंड टायर और तापमान.
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