नई दिल्ली: केंद्र सरकार पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए 1 अप्रैल 2023 से नया नियम लागूकरने वाली है। जिसके तहत हर साल 8 साल पुराने कमर्शियल वाहनों का फिटनेस टेस्ट से गुजरना अनिवार्य होगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 2 फरवरी को एक मसौदा अधिसूचना जारी कर सुझाव मांगे थे।
इस मसौदा में उल्लेख किया गया है कि 8 साल से पुराने ट्रकों या बसों को दो साल में एक बार फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा, जबकि 8 साल से पुराने कमर्शियल वाहनों को हर साल फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। यह फिटनेस टेस्ट केवल एक सूचीबद्ध स्वचालित फिटनेस स्टेशन पर ही किया जाएगा। इन स्टेशनों पर सरकार की नजर होगी।
यदि फिटनेस प्रमाण पत्र को रिन्यू नहीं कराया गया तो जुर्माना लगाया जाएगा और ऐसे वाहनों को सड़क पर नहीं चलने दिया जाएगा। गौरतलब है कि पुराने वाहन अधिक ईंधन की खपत करते हैं और पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं। ऐसे वाहनों को नियंत्रित करने से यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी और पर्यावरण में सुधार होगा।
यह फिटनेस टेस्ट केंद्र 10 राज्यों में स्थापित किए जाएंगे। जिसके लिए केंद्र सरकार ने 22 दिसंबर 2021 को नोटिफिकेशन भी जारी किया था। इन केंद्रों पर दोपहिया, तिपहिया, चौपहिया, निजी और वाणिज्यिक वाहनों के फिटनेस टेस्ट के बाद प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे और इन वाहनों पर विशेष स्टिकर लगाए जाएंगे। फिटनेस टेस्ट कराने वाले वाहन और उसके मालिक की सारी जानकारी सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी।
इस वेबसाइट को केंद्रीय डेटा से जोड़ा जाएगा और ऐसे वाहनों की पूरी जानकारी देश के किसी भी राज्य में उपलब्ध होगी। हाई-टेक मशीनों द्वारा बॉडी, चेसिस, व्हील्स, टायर्स और स्टीयरिंग, लाइट्स जैसे कई हिस्सों की जांच की जाएगी।