GPS Toll System : टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। भारत के सड़क एवं परिवहन मंत्री नितीन गडकरी हमेशा से ही नवीन और बडे कार्यों के लिए जाने जाते रहे हैं। उन्होंने FASTag तकनीक विकसित की और इसे भारतीयों तक पहुंचाया क्योंकि पहले टोल चुकाने में काफी समय लगता था और इस FASTag सिस्टीम के आते ही टाईम कम हो गया। इस बार भी वे भारत के लोगों के लिए एक भारी तकनीक लेकर आए हैं। अब इस बार हालांकि टोल पर रुकने की भी जरूरत नहीं होगी।
अब आनेवाली यह टेक्निकल सिस्टम जीपीएस आधारित होगी और इससे आपका समय और पैसा दोनों भी बचेगा। अब सरकार जीपीएस के जरिये टोल वसूली की तैयारी कर रही है और उस सिस्टीम पर काम अभी भी जारी है। अब जब जीपीएस का इस्तेमाल शुरू होगा तो जितनी दूरी आपने तय की है, उतनी दूरी के लिए आपको टोल चुकाना होगा।
अब, यदि आप 50 किमी के लिए यात्रा करते हैं, तो आपके खाते से उतनी ही दूरी के लिए टोल शुल्क स्वचालित रूप से काट लिया जाएगा। इस सिस्टम के शुरू होते ही टोल पर रुकने का झंझट खत्म हो जाएगा। सरकार का मकसद सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम करना है।
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2020-21 में लॉन्च किए गए FASTag सिस्टम के जरिए हाईवे और एक्सप्रेसवे समेत सभी हाईवे से टोल कलेक्शन शुरू हुआ. इस प्रणाली के कारण वेटिंग का समय 8 मिनट से घटकर केवल 47 सेकंड रह गया। अब जब यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी तो यह समय ठीक 0 सेकेंड का हो जाएगा। क्योंकि टोल चुकाने के लिए रुकना नहीं पड़ेगा। नई टोल कलेक्शन तकनीक में ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम के इस्तेमाल से टोल पर वाहनों को रोके बिना ऑटोमेटिक टोल का भुगतान हो जाएगा।
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