homemade electric car : ज्यादा पढे लिखे नहीं है तो क्या हुआ आप अपने टॅलेन्ट के दम पर कुछ भी कर सकते है। इसका अच्छा उदाहरण है राजस्थान के झुंझुनू जिले में रहने वाले कन्हैयालाल जांगिड़। केवल आठवीं कक्षा तक पढ़े मैकेनिक कन्हैयालाल ने कबाड का उपयोग करके एक ऐसी कार बनाई है, जो एक बार चार्ज करने पर 70 किलोमीटर का माइलेज देती है। आठवीं पास होने के बावजूद उन्होंने एक ऐसी इको-फ्रेंडली कार बनाई है जो सिर्फ 10-12 रुपये बिजली चार्ज करती है और 70 किमी तक का सफर तय कर सकती है।
जरूर पढे : महिंद्रा की नई इलेक्ट्रिक कार का लुक देखकर आप भी कहेंगे… जबरदस्त!
कन्हैयालाल ने बताया, वह कई साल से सूरजगढ़ रोड पर मैकेनिक का काम कर रहे है। उस अनुभव से उन्होंने पुरानी कारों से स्पेयर पार्ट्स इकठ्ठा किए और उनसे एक कार बनाई। कन्हैयालाल ने मोटर, कार की बैटरी, रिक्शा के टायर जैसी चीजों का इस्तेमाल किया और उन्हें इस तरह जोड़ा कि दो-तीन महीने में एक इको-फ्रेंडली कार तैयार हो गई।
इस कार को बनाने में करीब दो लाख रुपये खर्च हुए है, लेकिन इसमें सिर्फ 10 से 12 रुपये की बिजली खर्च होती है। यह कार पेट्रोल से सस्ती है और पर्यावरण के अनुकूल है। इस कार की टॉप स्पीड 30 किमी प्रति घंटा है और इसकी वजन उठाने की क्षमता 5 क्विंटल तक है। इस कार में चार यात्री बैठ सकते हैं।
ये भी पढे : मार्केट में आया देश का पहला हायब्रीड स्कूटर; पेट्रोल और बैटरी दोनों से चलेगा
कन्हैयालाल जांगिड़ की शिक्षा केवल आठवीं कक्षा तक ही हुई है। नौवीं में वो फेल हो गए थे और फिर घर की जिम्मेदारी निभानी पडी इसीलिए उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और मैकेनिक बन गये, लेकिन उन्होने अपना रास्ता खोज लिया। उनके मन में इको-फ्रेंडली कार बनाने का विचार आया। इस कार को बनाने के लिए उन्होंने कबाड का इस्तेमाल किया और 1.5 से 2 लाख में यह कार बनाई और अपना संकल्प पूरा किया।
(बाईक-कारों पर ऑफ़र, जानकारी और सभी News प्राप्त करने के लिए लिंक पर क्लिक करके ‘द गाडीवाला’ व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें : https://chat.whatsapp.com/JzerC9H8qeBDcjbJCIwUsC )