दुनियाभर में मंदी, पर इंडिया में उम्मीद! क्या Tesla को मिला नया ठिकाना?

दुनिया की सबसे चर्चित इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला अब इंडिया आने को तैयार है. लेकिन यह कदम किसी मजबूरी का नतीजा तो नहीं? हाल ही में खबरें आई हैं कि टेस्ला की सेल कई देशों में बुरी तरह गिर रही है. यूरोप से लेकर चीन तक कंपनी को करारा झटका लगा है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या टेस्ला अब भारत को अपना नया ठिकाना बनाना चाहती है? या फिर इंडिया की नई ईवी पॉलिसी ने इसे एक सुनहरा मौका दे दिया है?

आखिर क्यों घट रही है टेस्ला की सेल?

टेस्ला कभी इलेक्ट्रिक कारों का बेताज बादशाह थी, लेकिन अब इसके ग्लोबल मार्केट में हालात कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं. यूरोप में इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड बढ़ रही है, लेकिन टेस्ला की बिक्री लगातार नीचे जा रही है. जनवरी 2025 के आंकड़ों को देखें तो यूरोप में कंपनी की सेल में 50.3% की भारी गिरावट दर्ज की गई है. ब्रिटेन, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड और आइसलैंड जैसे देशों में भी हालात अच्छे नहीं हैं. यहां पर भी टेस्ला की सेल 45.2% तक लुढ़क चुकी है.

सबसे बड़ा झटका चीन से लगा है. जनवरी 2025 में टेस्ला की चीन में बिक्री 11.5% गिर गई. कंपनी ने इस महीने 63,238 यूनिट्स बेचीं, जबकि पिछले साल जनवरी में यह आंकड़ा 71,447 यूनिट्स था. इस दौरान चीन की घरेलू ईवी कंपनियों, खासतौर पर BYD Auto की सेल जबरदस्त बढ़ी है. BYD ने चीन में सालाना आधार पर 47.47% ज्यादा कारें बेची हैं. यूरोप में भी चीन की इलेक्ट्रिक कार कंपनियों ने तगड़ी पकड़ बना ली है.

इंडिया बनेगा टेस्ला का नया ठिकाना?

भारत में इलेक्ट्रिक कारों का बाजार अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है, लेकिन तेजी से ग्रोथ हो रही है. ऐसे में टेस्ला के लिए यह एक नया अवसर हो सकता है. एलन मस्क पहले भी भारत में आने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन ऊंची इंपोर्ट ड्यूटी के चलते मामला अटका रह गया था. अब भारत सरकार ने नई ईवी पॉलिसी पेश की है, जिसमें टेस्ला जैसी कंपनियों को बड़ी राहत दी गई है.

पहले भारत में इंपोर्टेड इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 70-110% तक ड्यूटी लगती थी, लेकिन अब इसे घटाकर 15% कर दिया गया है. हालांकि, सरकार ने एक शर्त भी रखी है कि जो भी विदेशी कंपनी इस पॉलिसी का फायदा उठाना चाहती है, उसे भारत में कम से कम 50 करोड़ डॉलर का निवेश करना होगा और तीन साल के अंदर यहां फैक्टरी लगानी होगी.

अब क्या होगा एलन मस्क का अगला दांव?

टेस्ला को भारत में कारोबार करने का मौका तो मिल गया है, लेकिन असली चुनौती यह होगी कि क्या भारतीय ग्राहक इसे हाथोंहाथ लेंगे? भारत में इलेक्ट्रिक कारों का बाजार धीरे-धीरे बढ़ रहा है, लेकिन कीमतें अभी भी एक बड़ा फैक्टर हैं. ऐसे में अगर टेस्ला इंडिया में सस्ती कारें नहीं लाती, तो इसका वही हाल हो सकता है, जो चीन में हुआ. अब देखना दिलचस्प होगा कि एलन मस्क इस नए बाजार में कैसे अपनी जगह बनाते हैं और क्या वाकई टेस्ला इंडिया के दम पर फिर से अपनी खोई हुई रफ्तार पकड़ पाएगी?

Leave a Comment