Second hand Car Tips : वर्तमान समय में सेकेंड हैंड वाहनों की खरीद-बिक्री की मात्रा बढ़ गई है। भारत में ऑटोमोबाइल बाजार बहुत बड़ा है। उसमें भी USED VEHICLE की खरीद-बिक्री का हिस्सा बहुत बड़ा है। अब अगर आप भी सेकेंड हैंड कार खरीदने की सोच रहे हैं तो इस पोस्ट को अंत तक पढ़ें।
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सेकेंड हैंड कार खरीदते समय दस्तावेज बेहद अहम मुद्दा होते हैं। हालांकि, अगर कार के दस्तावेज अधूरे हैं तो भविष्य में आपको बड़ी आर्थिक चपत लग सकती है। दस्तावेज देखते समय सबसे पहले गाड़ी की आरसी (RC) यानी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को ठीक से जांच लें। इसमें कार के बारे में बुनियादी और महत्वपूर्ण जानकारी शामिल है।
इसके साथ ही कार इंश्योरेंस भी बहुत जरूरी है। अगर कार का बीमा नहीं है तो कार आपके नाम नहीं होगी। साथ ही अगर कोई कार दुर्घटना हो जाए और कार का बीमा न हो तो आप क्लेम नहीं कर सकते।
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कार खरीदने से पहले सर्विस बुक देखना बहुत जरूरी है। कार में क्या समस्या है? कितना है लोन? ऐसी कई तरह की जानकारी सर्विस बुक में उपलब्ध होती है।
फॉर्म 35 इस प्रक्रिया का आखिरी और महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसे अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) के रूप में भी जाना जाता है। यदि आप परमिट ट्रैवल्स वाहन खरीद रहे हैं तो अन्य दस्तावेज भी महत्वपूर्ण हैं। जिसमें रोड टैक्स और अन्य चीजों की जांच की जाती है।
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