त्योहारी सीजन शुरू है और गाड़ियों की डिमांड आसमान छू रही हैं। नई गाड़ी लेने के बाद लोगों को गाड़ी के लिए स्पेशल नंबर भी चाहिए होता है। इसमें कई लोग धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए शुभ अंक पाने की कोशिश करते हैं। वही कई लोग अपना औंधा बड़ा दिखाने के लिए VIP नंबर्स पाना चाहते है।
VIP नंबर्स जैसे कि 1 डिजिट वाले, 100, 007, 786 200, 500, 555, 7 आदि रजिस्ट्रेशन नंबर्स को RTO द्वारा निलाम किया जाता है। इसमें लाखों तक बोली लगती है। क्योंकि कई बड़े नेता, एक्टर्स और आमिर लोग अपनी हैसियत दिखाने के लिए लाखों खर्च करके नंबर खरीदते है।
अगर आप भी VIP नंबर या अपना मनपसंद नंबर आपकी नई गाड़ी के लिए चाहते है, तो हम आपको इसकी सारी प्रोसेस इस आर्टिकल में बताने वाले है, तो आइए जानते है प्रोसेस और खर्चे के बारे मे..
सबसे पहले आपको सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अधिकृत वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। वहाँ वेबसाइट पर खुद को रजिस्टर करना होगा। इसके बाद आपको नम्बर्स और उसकि कीमत की सूची दिख जाएगी, आपके सामने विभिन्न श्रेणियों में से नंबर चुनने की अनुमती मिलेगी। आप अपना मनपसंद नंबर फीस चुकाकर रिजर्व कर सकते है।
फीस जमा करने के बाद अगली प्रक्रिया शुरू होती है। इसके बाद जितने लोगों ने वह VIP नंबर चुना है उन लोगों के बीच नीलामी होती है, जो सबसे ऊंची बोली लगाएगा नंबर उसका हो जाएगा। नीलामी जितने वाले के नाम यह नंबर रजिस्टर किया जाएगा। इसके बाद वह नंबर आपके वाहन पर इस्तेमाल कर सकते है।
जैसे पहले ही हम बता चुके है, इन VIP नंबरों को कई श्रेणियों में रखा गया है। जिनकी कीमते अलग अलग है।
ये नंबर तीन कैटेगरी में हैं, सुपर एलीट, सिंगल डिजिट और सेमी फैंसी नंबर। इन नंबर प्लेट का बेस प्राइस अलग-अलग होता है। इस बेस प्राइस से बोली शुरू होती है। उसके बाद मूल कीमत पर कई बोलियां लगाई जाती हैं। उदाहरण के लिए, एक सुपर एलीट नंबर (0001) को 5 लाख रुपये में बुक किया जा सकता है। लेकिन इस नंबर की कीमत 20 लाख तक जाती है.
-सिंगल डिजिट कैटेगरी में नंबर जैसे 0003, 0005, 0009 आदि का बेस प्राइस 3 लाख रुपये है।
-सेमी-फैंसी कैटेगरी नंबर जैसे 0100, 0666, 4444, 8000 आदि का बेस प्राइस 1 लाख रुपये है।
-जबकि अन्य वीआईपी नंबर जैसे 0786, 0010, 0099 आदि के लिए बेस प्राइस 2 लाख रुपये है।