नई दिल्ली: भारत में यातायात की समस्या कोई नई बात नहीं है। देश में रोजाना करोडो गाड़िया रोड पर होती है। इसमें यातायात के नियमों (New Traffic Rule) की धज्जीया उड़ाना आम बात है। हालाँकि जब से नितिन गडकरी ने परिवहन मंत्रालय संभाला है, तब से यातायत नियमों के पालन में बढ़ोतरी हुई है।
हालाँकि, लोग यातायात के नियम तो पाल रहे है, लेकिन उनकी गाड़ियों की वजह से हो रहे प्रदुषण पर रोक अब तक नहीं लगी है। दिन-ब-दिन देश में प्रदुषण बढ़ता जा रहा है। इसमें सबसे ज्यादा योगदान वो गाड़िया दे रही है जो प्रदुषण नियंत्रण मानकों पर खरी नहीं उतरती! अब इस समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
भारत सरकार ने सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 के तहत PUC (Pollution Under Control) सर्टिफिकेट को अनिवार्य कर दिया है. अब यात्रा करते समय आपको गाडी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, , ड्राइविंग लाइसेंस और बीमा पॉलिसी के साथ अब PUC सर्टिफिकेट साथ रखना होगा।
यह नियम दुपहिया और चौपहिया सहित सभी वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। एक साल से पुराने वाहनों के लिए PUC सर्टिफिकेट जरूरी है। क्योंकि किसी भी प्रकार के नए वाहन को एक वर्ष के लिए प्रदूषण परीक्षण या प्रदूषण परीक्षण से छूट दी गई है। इसका मतलब है कि अगर आपका वाहन एक वर्ष या उससे अधिक पुराना है तो आपको अन्य दस्तावेजों के साथ PUC सर्टिफिकेट साथ रखना होगा।
अगर कोई मोटर यात्री पीयूसी सर्टिफिकेट ट्रैफिक पुलिस को नहीं दिखाता है तो उस पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
ऐसे प्राप्त करे PUC सर्टिफिकेट
आप सरकारी अधिकृत PEC केंद्रों और RTO जैसे अधिकृत निकायों से ऑनलाइन या ऑफलाइन वैध PUC प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रमाणपत्र ऑनलाइन भी डाउनलोड किया जा सकता है।
सबसे पहले आप अपनी गाडी को नजदीकी PUC सेंटर ले जाएं। वहां, एक PUC ऑपरेटर आपके वाहन के एग्जॉस्टपाइप का निरीक्षण करेगा और वाहन के उत्सर्जन स्तर का निर्धारण करेगा। उसके बाद आप परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपने PUC प्रमाणपत्र की स्थिति ऑनलाइन जांच सकते हैं। आप अपना पीयूसी प्रमाणपत्र भी डाउनलोड कर सकते हैं।