tata motors share price : अमेरिकी डिपॉजिटरी रसीदों को खत्म करने के छह महीने बाद, टाटा मोटर्स ने अपनी पूंजी संरचना को और सरल बनाने के लिए डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स यानि डीवीआर को रद्द करने का फैसला किया है। टाटा मोटर्स डीवीआर कंपनी के शेयर धारकों को सामान्य वोटिंग अधिकार का 1/10 वां हिस्सा मिलता है, साथ ही उन्हें अन्य शेयरधारकों की तुलना में 5% अधिक लाभांश देना पड़ता है। इसलिए टाटा मोटर्स कंपनी ने अब डिफरेशियल वोटिंग राइट्स वाले शेअर्स को साधारण शेअर्स में बदलने का फैसला किया है।
टाटा मोटर्स डीवीआर एक आम शेयर की लगभग आधी कीमत पर कारोबार करता है और इस प्रकार निवेशकों को मध्यस्थता के अवसर प्रदान करता है। व्यवस्था की योजना के तहत डीवीआर धारकों को उनके द्वारा रखे गए प्रत्येक 10 डीवीआर के लिए कंपनी के 7 पूर्ण पेड-अप वाले साधारण शेअर्स प्राप्त होंगे। पूंजी कटौती पर विचार में डीवीआर के पिछले दिन के समापन मूल्य पर 23% प्रीमियम शामिल है। सामान्य शेयर मूल्य पर 30% की छूट मिलेगी।
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इस योजना से बाकी इक्विटी शेअर्स में 4.2% की कमी आएगी। इससे सभी शेअर्सधारकों के लिए मूल्य बढ़ेगा। डीवीआर शेअर्स आम शेअर्स की तुलना में सस्ते होते हैं। बुधवार के ट्रेडिंग सेशन के दौरान टाटा मोटर्स डीवीआर कंपनी के शेअर्स 440 रुपये कीमत पर ट्रेड कर रहे थे। टाटा मोटर्स डीवीआर कंपनी के शेयरों ने पिछले एक हफ्ते में अपने निवेशकों को 21% का मुनाफा दिया है।
टाटा मोटर्स डीवीआर कंपनी में विभिन्न म्यूचुअल फंडों की 28.82 प्रतिशत हिस्सेदारी है। आईसीआईसीआई प्रुडेन्शियल कंपनी के पास टाटा मोटर्स डीवीआर में 19.35 प्रतिशत की सबसे बड़ी हिस्सेदारीहै। कंपनी के विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों में फ्रैंकलिन टेम्पलटन, सिंगापुर सरकार और व्हॅनगार्ड जैसे दिग्गज भी शामिल हैं। रेखा राकेश झुनझुनवाला के पास भी टाटा मोटर्स डीवीआर हैं। जून के अंत तक उनके पास कंपनी में 1.92% हिस्सेदारी थी।
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